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इस नवरात्र बिना दर्शन के भक्तों को मिलेगा माता रानी का आशीर्वाद



 

कानपुर: (सूरज कश्यप/गुड्डू सिंह) 24 मार्च 2020 कोरोना के कारण इस नवरात्रि में भक्तों को माता के दर्शन नहीं मिलेंगे । दुनिया में आस्था के नाम पर जाना जाता है भारत, जहां के मंदिरों में कई देशों से लोग अपनी मनोकामना लेकर आते हैं और माता रानी सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं । नवरात्रि पर्व भारत में श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है और रामनवमी के दिन ही चैत्र नवरात्र की समाप्ति भी हो जाती है । हिंदू धर्म शास्त्रों की माने तो इस नवरात्र के अंतिम दिन भगवान श्री राम जी का जन्म हुआ था जिसको आज भी सभी भारतवासी रामनवमी के रूप में मनाते हैं पर इस समय दुनिया में फैले कोरोना जैसी महामारी को देखते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी देशवासियों से अपील की थी कि सभी देशवासी अपने घरों में रहे और कहीं भी ऐसी जगह ना जाए जहां भीड़ भाड़ हो और इस नवरात्रों में सभी भक्त अपने-अपने घरों में रहकर पूरी भक्ति भाव से माता रानी की पूजा-अर्चना करें । जिसका सभी देशवासियों ने अनुपालन करने की ठानी है और इस नवरात्र को सभी भक्तगण माता रानी को अपनी पूजा-अर्चना से अपने अपने घरों में बुलाएंगे । इस नवरात्र में देश के लगभग सभी मंदिरों में पुजारी के द्वारा ही पूजा अर्चना की जाएगी । इस नवरात्र भक्तों को मंदिर में माता के दर्शन बिना ही मिलेगा भक्ति का फल,मन्दिर में किसी भी भक्त को माता दर्शन नहीं दे पाएंगी।

 

नवरात्रि हिंदू धर्म का एक विशेष पर्व है । नवरात्रि शब्द एक संस्कृत शब्द है इस नवरात्रि पर सभी भक्तगण माँ आदिशक्ति के नौ रूपों की पूजा अर्चना करते हैं । नवरात्रि भारत का एक महत्वपूर्ण प्रमुख त्यौहार है जिसे पूरे भारत में महान उत्सव के साथ मनाया जाता है इस नवरात्रि में माता के नौ रूपों की पूजा की जाती है । जिनके नाम के साथ सभी का अर्थ भी हम आपको बताते हैं । पहला नाम माता शैलपुत्री का आता है इनके नाम का अर्थ है पहाड़ों की पुत्री,दूसरा नाम है माता ब्रह्मचारिणी इनका अर्थ ब्रह्मचारिणी ही होता है,तीसरा नाम माता चंद्रघंटा इसका अर्थ चांद की तरह चमकने वाली,चौथा नाम माता कुष्मांडा इनका अर्थ पूरा जगत माता के पैरों में,पांचवा नाम स्कंदमाता इनका अर्थ कार्तिक स्वामी की माता,छठवां नाम माता कात्यायनी इनका अर्थ कात्यायन आश्रम मे जन्मी,सातवा नाम माता कालरात्रि इनका अर्थ है काल का नाश करने वाली,आठवां नाम माता महागौरी इनका अर्थ सफेद रंग वाली माँ,नवा रूप माता सिद्धदात्री का है इनका अर्थ है सर्व सिद्धि देने वाली ।

 

इन नवरात्रों में इन नौ माता की भक्तगण पूजा अर्चना करते हैं और अपनी मनोकामना लेकर मंदिरों में जाते हैं चैत्र के नवरात्रि में अष्टमी और नवमी के दिन निकलने वाले ज्वारा पर भक्तों की अटूट आस्था होती है । भक्तों का मानना है इस ज्वारे में संग लगवाने से सभी भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है कानपुर में कई जगहों से ज्वारे का जुलूस उठता है और माँ बारादेवी के प्रांगण में आकर समाप्त हो जाता है जिसके बाद सभी भक्तगण बारादेवी माता के दर्शन करते हैं पर इस बार माता रानी बिना किसी को सांग लगवाए या बिना दर्शन दिए सभी भक्तों को मनचाहा वर देगी । क्योंकि पूरी दुनिया में फैले कोरोना का प्रकोप को देखकर देश के प्रधानमंत्री ने देश के सभी राज्यों में कोरोना को लेकर कई दिशा निर्देश दिए थे । जिसमें से एक निर्देश मंदिरों में भीड़ ना लगाने को लेकर था जिसके बाद कानपुर के प्रसिद्ध मंदिरों में भक्तों को दर्शन करने पर रोक लगा दी गई थी जिसके बाद नवरात्रि के समय बारादेवी देवी मंदिर,बर्रा का वैष्णो देवी व कई माता के मंदिरों में सभी भक्तों को माता के दर्शन पर सभी पुजारियों द्वारा रोक लगा दी गई और मंदिर बंद करने का निर्णय लिया गया है और पुजारियों का कहना है किसी भी भक्तों को चिंता करने की जरूरत नहीं है जो माता रानी इन मंदिरों में है वही माता रानी आप के बुलावे पर आपके घर में भी आएंगी और सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करेंगी ।


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